ये शर्त लगी थी मेरे और मेरे दोस्त के बीच. एक ऐसी शर्त जिसे हम दोनों ही हारना चाहते थे. शर्त थी कि एक-दूसरे के बारे में हम कविता लिखेंगे. जिसकी भी कविता ज्यादा अच्छी हुई, वो जीत जाएगा.
बोनस पॉइंट्स मैं मार ले गयी; (हालाँकि एक नियम भी तोड़ा: कविता लिखते ही ख़ुशी-२ में सुना दी). दूसरी तरफ से कविता आने में बड़ी देरी हो रही थी. मैं हमेशा धमकी देती थी; जितनी देर, उतना नुक्सान! खैर, कविता मिली; पसंद आई. देर जानबूझकर की जा रही थी क्यूंकि किसी ख़ास मौके का इंतज़ार था, जीतने की परवाह किसे थी?
बोनस पॉइंट्स जीतने के बावजूद भी मैं हार गयी, हालाँकि यहाँ पर दूसरी ओर से बेईमानी भी हुई: गद्य एकदम मना था, मगर उसे मेरी डायरी में लिखने का वादा याद था जो उसने कविता देने के साथ-२ पूरा किया और कवितायें भी एक नहीं, दो-दो!
अब इसके बाद तो किसी स्कोर कार्ड की गुंजाईश ही नहीं रह गयी! हारने की खुशी भी बहुत हुई. ये खुशी बेहतर दोस्त साबित होने की नहीं थी, क्यूंकि शर्त और शायद बेहतर दोस्त साबित होने की होड़; दोनों ही वो जीत गया. ख़ुशी ऐसा दोस्त पाने की थी.
जो पहले लिख कर तैयार कर लेगा उसे बोनस पॉइंट्स मिलेंगे और कवितायेँ एक-दूसरे को तभी सुनाई जाएँगी जब दोनों लिख ली जायें. जीत और हार; दोनों का ही अपना फ़ायदा था: जीतने पर बेहतर कवि साबित होने का और हारने पर बेहतर दोस्त साबित होने का.
सोच-विचार कर आपसी सम्मति से हमने दो योग्य लोगों को निर्णायक मंडल में शामिल कर लिया था जिन्होंने सहर्ष ही हमारा प्रस्ताव भी स्वीकार लिया (आखिर कोई ऐसी-वैसी शर्त नहीं थी; गौरव की बात थी). वे योग्य लोग थे: हम दोनों; किसी तीसरे को शामिल करना ठीक नहीं था. ;)
बोनस पॉइंट्स मैं मार ले गयी; (हालाँकि एक नियम भी तोड़ा: कविता लिखते ही ख़ुशी-२ में सुना दी). दूसरी तरफ से कविता आने में बड़ी देरी हो रही थी. मैं हमेशा धमकी देती थी; जितनी देर, उतना नुक्सान! खैर, कविता मिली; पसंद आई. देर जानबूझकर की जा रही थी क्यूंकि किसी ख़ास मौके का इंतज़ार था, जीतने की परवाह किसे थी?
बोनस पॉइंट्स जीतने के बावजूद भी मैं हार गयी, हालाँकि यहाँ पर दूसरी ओर से बेईमानी भी हुई: गद्य एकदम मना था, मगर उसे मेरी डायरी में लिखने का वादा याद था जो उसने कविता देने के साथ-२ पूरा किया और कवितायें भी एक नहीं, दो-दो!
अब इसके बाद तो किसी स्कोर कार्ड की गुंजाईश ही नहीं रह गयी! हारने की खुशी भी बहुत हुई. ये खुशी बेहतर दोस्त साबित होने की नहीं थी, क्यूंकि शर्त और शायद बेहतर दोस्त साबित होने की होड़; दोनों ही वो जीत गया. ख़ुशी ऐसा दोस्त पाने की थी.
फिलहाल तो ये भी याद नहीं है कि शर्त लगी किस चीज़ की थी? जीतने वाले को हारने वाले से क्या मिलेगा या हारने वाले को जीतने वाले से क्या मिलेगा? हमें एक-दूसरे की दोस्ती मिली है, बाकी चीज़ों से तब फर्क क्या पड़ता है?? :)
P.S.: jeet ki khushi mein haarne wale ko ek party to di ja hi sakti hai! ;)
P.S.: jeet ki khushi mein haarne wale ko ek party to di ja hi sakti hai! ;)
जो कविताएँ लिखीं गयीं थीं वो भी तो यहाँ पोस्ट होनी चाहियें थीं ...
ReplyDeleteरोचक संस्मरण
@sangita ji: sarahne ke liye dhanyavad! meri kavita to pehle se hi blog par hai aur aapne sarahi bhi hai: http://ritika-fursat-ke-pal.blogspot.com/2011/07/blog-post.html
ReplyDeletehaan, baaki ki kavitayein main bina uski anumati ke yahan nahin de paungi. :)
बहुत मज़ेदार।
ReplyDeleteसादर
किस्सा बढिया है मगर कविता कहाँ हैं?
ReplyDeleteकिस्सा सचमुच में बेहद अच्छा है मैं यहाँ यह नहीं कहूँगी की कविता कहाँ है :) क्यूँ यह दोस्ती का मामला है भाई.... मेरे ब्लॉग पर भी आप का स्वागत है एक लेख तो मैंने भी लिखा है दोस्ती पर कभी घूमते हुए आयेगा मेरे पोस्ट पर मुझे खुशी होगी धन्यवाद।
ReplyDeletehttp://mhare-anubhav.blogspot.com/
accha hai...
ReplyDeletebahut badiya rochak prastuti..
ReplyDeleteहम तो कविता के चक्कर में पूरी पोस्ट तन्मयता से पढ़ रहे थे :)
ReplyDeleteअहमद फराज़ का एक शेर याद आ गया-
ReplyDeleteतू मोहब्बत से कोई चाल तो चल
हार जाने का हौसला है मुझे !
दिलचस्प पोस्ट !!!
दोनो को बधाई ! लिखते रहें...
बहुत सुन्दर रचना |
ReplyDeleteमेरे भी ब्लॉग में आयें |
मेरी कविता
काव्य का संसार
मजेदार किस्सा रहा.
ReplyDeleteसबसे पहले तो माफ़ि कि दर्ख्वास्त है... जो इतने वक़्त तक मशरूफ़ियत् और बाकी कइ चीज़ो की वजह् से comment नही कर पाया... :)
ReplyDeleteअगर बात इसस पोस्ट कि करी जाये तो ये शर्त वाली सारी कवितावो से बेहतर है...खामोखा हमे जिता दिया, और मान गये आपको, हार माना भी तो ऐसे के जिससे खुशबू जीत की आती हो.
दो lines पेश करता हू आपके लिये ...
तेरे अन्दाज़्-व-हुनर मे है वो कैफ़ियत् के
ज़र्रा-2 है मुन्तज़िर्, तुझसे रूबरू होने को |
बहुत ही दिलचस्प और मजेदार post, और अब तो finally तुम जीत गयी, तो party वगैरह् देने का जो भी plan हो बता देना मै पहुच जाऊनगा .. :)