बहुत दिनों के बाद...
आसमां फिर नीला-नीला है,
तारों भरा चमकीला है, आज, बहुत दिनों के बाद...
बहुत दिनों के बाद...
बादल हैं छंट चुके,
बहुत दिनों के बाद...
पेड़ हैं हरे-हरे,
फूलों से भरे-भरे, आज...
बहुत दिनों के बाद...
नदिया में रवानी है,
जगह-जगह नयी कहानी है, आज...
बहुत दिनों के बाद...
हवा चल रही धीमी है,
मौसम में रंगीनी है, आज...
बहुत दिनों के बाद...
ले रहा है सांस,
मुझमें जीवन का अहसास, आज...
बहुत दिनों के बाद...
मैं हूँ आज़ाद,
न तुम हो कहीं-न तुम्हारी याद, आज...
आसमां फिर नीला-नीला है,
तारों भरा चमकीला है, आज, बहुत दिनों के बाद...
बहुत दिनों के बाद...
बादल हैं छंट चुके,
टुकड़ों में बंट चुके, आज...
बहुत दिनों के बाद...
पेड़ हैं हरे-हरे,
फूलों से भरे-भरे, आज...
बहुत दिनों के बाद...
नदिया में रवानी है,
जगह-जगह नयी कहानी है, आज...
बहुत दिनों के बाद...
हवा चल रही धीमी है,
मौसम में रंगीनी है, आज...
बहुत दिनों के बाद...
ले रहा है सांस,
मुझमें जीवन का अहसास, आज...
बहुत दिनों के बाद...
मैं हूँ आज़ाद,
न तुम हो कहीं-न तुम्हारी याद, आज...
बहुत दिनों के बाद ... आज
ReplyDeleteरितिका ने कुछ लिखा है
ब्लॉग के ऊपर दिखा है
बहुत दिनों के बाद... आज !!! :)
खूबसूरत अभिव्यक्ति ..आज़ादी के खूबसूरत लम्हे
ReplyDeleteवाह क्या खूब अन्दाज़ है।
ReplyDeleteखूबसूरत सभी व्यक्ति....
ReplyDeleteसमय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है जहां आलेख बड़ा ज़रूर है किंतु आपकी राय चाहिए। धन्यवाद
बहुत खूब!
ReplyDeleteसादर
बहुत दिनों के बाद...
ReplyDeleteले रहा है सांस,
मुझमें जीवन का अहसास, आज...
इसी सोंच से जीवन व्यतीत होता , अच्छी रचना , बधाई
Interesting likha hai ..
ReplyDeleteखूबसूरत अभिव्यक्ति. लेकिन क्या वास्तव में हम किसी की यादों से आज़ाद हो पाते है.
ReplyDeleteबढ़िया अभिव्यक्ति
ReplyDeleteGyan Darpan
RajputsParinay
बहुत दिनों के बाद...
ReplyDeleteमैं हूँ आज़ाद,
bahut hi sunder abhivyakti.
खूबसूरत अभिव्यक्ति| धन्यवाद|
ReplyDeleteबहुत दिनों के बाद...
ReplyDeleteमैं हूँ आज़ाद,
न तुम हो कहीं-न तुम्हारी याद,
बहुत खूब , ऐसी स्थिति आ जाए तो कहना ही क्या