Search This Blog

Monday, October 31, 2011

बहुत दिनों के बाद... आज

बहुत दिनों के बाद...
आसमां फिर नीला-नीला है,
तारों भरा चमकीला है, आज, बहुत  दिनों के बाद...

बहुत दिनों के बाद...
बादल हैं छंट चुके,
टुकड़ों में बंट चुके, आज...

बहुत दिनों के बाद...
पेड़ हैं हरे-हरे,
फूलों से भरे-भरे, आज...

बहुत दिनों के बाद...
नदिया में रवानी है,
जगह-जगह नयी कहानी है, आज...

बहुत दिनों के बाद...
हवा चल रही धीमी है,
मौसम में रंगीनी है, आज...

बहुत दिनों के बाद...
ले रहा है सांस,
मुझमें जीवन का अहसास, आज...

बहुत दिनों के बाद...
मैं हूँ आज़ाद,
न तुम हो कहीं-न तुम्हारी याद, आज...

12 comments:

  1. बहुत दिनों के बाद ... आज
    रितिका ने कुछ लिखा है
    ब्लॉग के ऊपर दिखा है
    बहुत दिनों के बाद... आज !!! :)

    ReplyDelete
  2. खूबसूरत अभिव्यक्ति ..आज़ादी के खूबसूरत लम्हे

    ReplyDelete
  3. वाह क्या खूब अन्दाज़ है।

    ReplyDelete
  4. खूबसूरत सभी व्यक्ति....
    समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है जहां आलेख बड़ा ज़रूर है किंतु आपकी राय चाहिए। धन्यवाद

    ReplyDelete
  5. बहुत दिनों के बाद...
    ले रहा है सांस,
    मुझमें जीवन का अहसास, आज...
    इसी सोंच से जीवन व्यतीत होता , अच्छी रचना , बधाई

    ReplyDelete
  6. खूबसूरत अभिव्यक्ति. लेकिन क्या वास्तव में हम किसी की यादों से आज़ाद हो पाते है.

    ReplyDelete
  7. बहुत दिनों के बाद...
    मैं हूँ आज़ाद,

    bahut hi sunder abhivyakti.

    ReplyDelete
  8. खूबसूरत अभिव्यक्ति| धन्यवाद|

    ReplyDelete
  9. बहुत दिनों के बाद...
    मैं हूँ आज़ाद,
    न तुम हो कहीं-न तुम्हारी याद,

    बहुत खूब , ऐसी स्थिति आ जाए तो कहना ही क्या

    ReplyDelete