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Monday, October 31, 2011

बहुत दिनों के बाद... आज

बहुत दिनों के बाद...
आसमां फिर नीला-नीला है,
तारों भरा चमकीला है, आज, बहुत  दिनों के बाद...

बहुत दिनों के बाद...
बादल हैं छंट चुके,
टुकड़ों में बंट चुके, आज...

बहुत दिनों के बाद...
पेड़ हैं हरे-हरे,
फूलों से भरे-भरे, आज...

बहुत दिनों के बाद...
नदिया में रवानी है,
जगह-जगह नयी कहानी है, आज...

बहुत दिनों के बाद...
हवा चल रही धीमी है,
मौसम में रंगीनी है, आज...

बहुत दिनों के बाद...
ले रहा है सांस,
मुझमें जीवन का अहसास, आज...

बहुत दिनों के बाद...
मैं हूँ आज़ाद,
न तुम हो कहीं-न तुम्हारी याद, आज...