जब ब्लॉग शुरू करने की ठानी, तो सोचा कि ऐसा क्या है जो इस समय मैं अपने लिए सबसे ज्यादा चाहती हूँ.. ज्यादा सोचना नहीं पड़ा- फुर्सत के कुछ पल | इन पलों में मैं या तो कुछ सोचती रहती हूँ या फिर कुछ लिखती रहती हूँ.. उन्हीं चीज़ों को ब्लॉग में उतार रही हूँ | यहाँ अपनी ख़ुशी, उदासियाँ, कल्पनाएँ तथा और भी बहुत कुछ साझा करने की कोशिश कर रही हूँ |
बहुत उम्दा... फोटो कहां कहां से चुन के लगाती हो..!!!
ReplyDeleteवाह क्या बात कही है।
ReplyDeleteबढ़िया..
ReplyDeleteवाह! क्या बात कही है। धन्यवाद|
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रितिका ...कम शब्द गहरी बात
ReplyDeleteBahut Khoob!.......Dard me bhi kuchh baat hai...!!
ReplyDeleteचन्द लाइने हमारी तरफ़् से भी.....तुम्हारे दर्द को suit करती हुइ......
ReplyDeleteहम तुमसे मिले तुम हमसे मिले,
दिल मे जो थे अरमान सोये वो जगे॥
आगाज़् भी तो ना हुआ था सही से अब तलक,
कि उठा धुआ और हमारे दिल जले॥