है गर्व हमें भारतीयता पर |
६१ वर्ष होने को आये,
हम गणतंत्र-लोकतंत्र कहलाये,
स्वाभिमान हो उठा मुखर,
है गर्व...
जीवन को नया अर्थ दिया,
हमको बड़ा समर्थ किया,
इस दिन ने बनाया हमें निडर,
है गर्व...
नियम-कानून, अधिकार दिए,
इसने जीवन संवार दिए,
देश को बनाया आत्मनिर्भर,
है गर्व...
संविधान ने हमें शक्ति दी,
गौरव की अभिव्यक्ति दी,
इसकी रक्षा हमारे काँधों पर,
है गर्व...
अब बस इतना ही कहना है,
कानून का पालन करना है,
निभाएं फ़र्ज़ ये शपथ खाकर,
है गर्व...
गर्व तो है.
ReplyDeleteशुभकामनाएँ.